- बेवफा शायरी
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को
छोड़ दिया ” उसे
” खुश
देखने के लिए
एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम
दोस्ती निभाते रहे…..और
उसे इश्क हो गया..
जो बीत गया सो बीत गया…आने
वाला सुनहरा कल है वो…..मैं
कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी
हर मुश्किल का हल है वो
चाह कर भी उनका हाल नहीं पूछ सकते डर है कहीं
कह ना दे कि ये हक्क तुम्हे किसने दिया
कोई भी रिश्ता अधूरा नहीं होता , बस
निभाने की चाहत दोनों तरफ होनी चाहिए।
आज सोचा कि…. कुछ
तेरे सिवा सोचूँ ..!!! .अभी तक इसी सोच में हूँ कि क्या सोचूँ ..!!!
गया था मै तुझसे दुर बहुत कुछ पाने के लिए ……….पर
सिवाए तेरी यादो के कुछ हासिल ना हुआ !!!!
जिनको साथ नहीं देना होता वो अक्सर रूठ जाया
करते हैं
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और
लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!!!
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ,आज
ज़रा वक़्त पर आना ” मेहमान-ए-ख़ास
”” हो
तुम…
छोड़ दे तू मुझे गिला भी नहीं, मुझमे
अब और कुछ बचा भी नहीं, उसने
बस यूँ कहा … चले
जाओ जल्दबाज़ी में, कि
मैं रुका भी नहीं..
हमे खो दोगे तो पछताओगे बहुत, ये
आखरी गलती जरा सोच समझकर करना…
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा
इजाजत है ज़माना आजमा ले !!
काश ! के वो लोट आये मुझसे ये कहने , कि
तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले !
कितनी आसानी से कह दिया तुमने,कि
बस अब तुम मुझे भूल जाओ, साफ
साफ लफ्जो मे कह दिया होता, कि बहुत जी लिये अब तुम मर
जाओ.
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू
आज भी बेखबर है कल की तरह..
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की
वजह..फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत
की थी ना…
जिनसे बेतहाशा मोहब्बत हो उनसे नाराज़गी का
ताल्लुक बहुत गहरा होता है यारों
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि
तेरे ख्यालों में भी नही आते ??
चले जाएँगे , एक
दिन तुझे तेरे हाल पर छोड़कर , कदर क्या होती है प्यार की
तुझे वक़्त ही सीखा देगा।
मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी, बराबरी
का भी होता तो सब्र आ जाता।।
मुझ को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही
यू ही मिले थे वो हमे अनजान बनकर, दिल
मे मेरे बस गये पहचान बनकर, जाना नही था फिर भी वो दूर
चली गयी, आज मिली
भी तो किसी के नाम का सिंधूर बनकर !!!
आप हँसो तो ख़ुशी मुझे होती है ,
आप रूठो आँखे मेरी रोती है ,
आप दूर जाओ बेचैनी होती है ,
महसूस करके देखो प्यार में ज़िन्दगी कैसी होती
है
आखिरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूँ ,
लौट कर फिर तेरी महफ़िल में ना आएंगे ,
अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर ,
तेरी दुनिया से बहुत दूर चले जायेंगे।
यूहीं किसी की याद मे रोना फ़िज़ूल है,
इतने अनमोल आँसू खोना फ़िज़ूल है,
रोना है तो उनके लिये जो हम पे निसार है,
उनके लिये क्या रोना जिनके आशिक़ हज़ार है..!
तनहा रहना तो सीख लिया हमने ,
पर खुश ना कभी रह पाएंगे ,
तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता है ये दिल ,
पर तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे।
तुम्हारी हर बात बेवफाई की कहानी है,
लेकिन तेरी हर एक साँस मेरी ज़िन्दगी की
निशानी है ,
तुम आज तक समझ नहीं पाई मेरे इस प्यार को ,
मेरे आँसू भी तुम्हारे लिए सिर्फ पानी है
क्या खूब मजबूरियां थी मेरी भी अपनी ख़ुशी को
छोड़ दिया ” उसे
” खुश
देखने के लिए
एक खूबसूरत सा रिश्ता यूँ खतम हो गया..हम
दोस्ती निभाते रहे…..और
उसे इश्क हो गया..
जो बीत गया सो बीत गया…आने
वाला सुनहरा कल है वो…..मैं
कैसे भुला दूँ दिल से उसे… मेरी
हर मुश्किल का हल है वो
चाह कर भी उनका हाल नहीं पूछ सकते डर है कहीं
कह ना दे कि ये हक्क तुम्हे किसने दिया
कोई भी रिश्ता अधूरा नहीं होता , बस
निभाने की चाहत दोनों तरफ होनी चाहिए।
आज सोचा कि…. कुछ
तेरे सिवा सोचूँ ..!!! .अभी तक इसी सोच में हूँ कि क्या सोचूँ ..!!!
गया था मै तुझसे दुर बहुत कुछ पाने के लिए ……….पर
सिवाए तेरी यादो के कुछ हासिल ना हुआ !!!!
जिनको साथ नहीं देना होता वो अक्सर रूठ जाया
करते हैं
तेरी बेरुखी ने छीन ली है शरारतें मेरी..और
लोग समझते हैं कि मैं सुधर गया हूँ..!!!
बेवफ़ाओं की महफ़िल लगेगी ,आज
ज़रा वक़्त पर आना ” मेहमान-ए-ख़ास
”” हो
तुम…
छोड़ दे तू मुझे गिला भी नहीं, मुझमे
अब और कुछ बचा भी नहीं, उसने
बस यूँ कहा … चले
जाओ जल्दबाज़ी में, कि
मैं रुका भी नहीं..
हमे खो दोगे तो पछताओगे बहुत, ये
आखरी गलती जरा सोच समझकर करना…
नहीं मिलेगा तुझे कोई हम सा, जा
इजाजत है ज़माना आजमा ले !!
काश ! के वो लोट आये मुझसे ये कहने , कि
तुम कोन होते हो मुझसे बिछड़ने वाले !
कितनी आसानी से कह दिया तुमने,कि
बस अब तुम मुझे भूल जाओ, साफ
साफ लफ्जो मे कह दिया होता, कि बहुत जी लिये अब तुम मर
जाओ.
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू
आज भी बेखबर है कल की तरह..
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की
वजह..फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत
की थी ना…
जिनसे बेतहाशा मोहब्बत हो उनसे नाराज़गी का
ताल्लुक बहुत गहरा होता है यारों
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम, कि
तेरे ख्यालों में भी नही आते ??
चले जाएँगे , एक
दिन तुझे तेरे हाल पर छोड़कर , कदर क्या होती है प्यार की
तुझे वक़्त ही सीखा देगा।
मुझे छोड़कर वो जिस शख्स के पास गयी, बराबरी
का भी होता तो सब्र आ जाता।।
मुझ को अब तुझ से भी मोहब्बत नहीं रही,
ऐ ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही
ऐ ज़िंदगी तेरी भी मुझे ज़रूरत नहीं रही,
बुझ गये अब उस के इंतेज़ार के वो जलते दिए,
कहीं भी आस-पास उस की आहट नहीं रही
यू ही मिले थे वो हमे अनजान बनकर, दिल
मे मेरे बस गये पहचान बनकर, जाना नही था फिर भी वो दूर
चली गयी, आज मिली
भी तो किसी के नाम का सिंधूर बनकर !!!
आप हँसो तो ख़ुशी मुझे होती है ,
आप रूठो आँखे मेरी रोती है ,
आप दूर जाओ बेचैनी होती है ,
महसूस करके देखो प्यार में ज़िन्दगी कैसी होती है
आप रूठो आँखे मेरी रोती है ,
आप दूर जाओ बेचैनी होती है ,
महसूस करके देखो प्यार में ज़िन्दगी कैसी होती है
आखिरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूँ ,
लौट कर फिर तेरी महफ़िल में ना आएंगे ,
अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर ,
तेरी दुनिया से बहुत दूर चले जायेंगे।
लौट कर फिर तेरी महफ़िल में ना आएंगे ,
अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर ,
तेरी दुनिया से बहुत दूर चले जायेंगे।
यूहीं किसी की याद मे रोना फ़िज़ूल है,
इतने अनमोल आँसू खोना फ़िज़ूल है,
रोना है तो उनके लिये जो हम पे निसार है,
उनके लिये क्या रोना जिनके आशिक़ हज़ार है..!
इतने अनमोल आँसू खोना फ़िज़ूल है,
रोना है तो उनके लिये जो हम पे निसार है,
उनके लिये क्या रोना जिनके आशिक़ हज़ार है..!
तनहा रहना तो सीख लिया हमने ,
पर खुश ना कभी रह पाएंगे ,
तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता है ये दिल ,
पर तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे।
पर खुश ना कभी रह पाएंगे ,
तेरी दूरी तो फिर भी सह लेता है ये दिल ,
पर तेरी मोहब्बत के बिना ना जी पाएंगे।
तुम्हारी हर बात बेवफाई की कहानी है,
लेकिन तेरी हर एक साँस मेरी ज़िन्दगी की निशानी है ,
तुम आज तक समझ नहीं पाई मेरे इस प्यार को ,
मेरे आँसू भी तुम्हारे लिए सिर्फ पानी है
लेकिन तेरी हर एक साँस मेरी ज़िन्दगी की निशानी है ,
तुम आज तक समझ नहीं पाई मेरे इस प्यार को ,
मेरे आँसू भी तुम्हारे लिए सिर्फ पानी है
अब छोड़ दिया है
अब छोड़ दिया है “इश्क़” का “स्कूल” हमने भी
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नही होती !
शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है
कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है
हमसे अब “मोहब्बत” की “फीस” अदा नही होती !
दिवाने बन जाते है
ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते हैशमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है
कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है
धोखा न दिया हमने...
किरदार की अज़मत को गिरने न दिया हमने,
धोखे तो बहुत खाए ले
किन धोखा न दिया हमने।
बेवफा नहीं कहता...
वो कहता है... कि मजबूरियां हैं बहुत...
साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता।
बेवफा नहीं कहता...
वो कहता है... कि मजबूरियां हैं बहुत...
साफ लफ़्ज़ों में खुद को बेवफा नहीं कहता।
बेवफाई ऐसे कर...
तेरे इश्क़ ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई बेवफ़ा न लगे।
बेवफाई का इल्ज़ाम...
हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।