दर्द शायरी - Hindi Joke And shayari

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Monday 16 October 2017

दर्द शायरी


  • दर्द शायरी

रहकर तुझसे दूर , कुछ यूँ वक़्त गुज़ारा मैंने ना होंठ हिले ,
ना आवाज़ आई फिर भी हर वक़्त तुझको पुकारा मैंने

कही मिले तो उसे यह कहना
गए दिनों को भुला रहा हूँ
वह अपने वादे से फिर गया है
मैं अपने वादे निभा रहा हूँ…..

हक़ीक़त जान लो जुदा होने से पहले ,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले ,
ये सोच लेना भुलाने से पहले ,
बहुत रोयी हैं ये आँखें मुस्कुराने से पहले।

सिलसिले की उम्मीद थी उनसे ,
वही फाँसले बढ़ाते गए ,

हम तो पास आने की कोशिश में थे।
ना जाने क्यों वह हमसे दूरियाँ बढ़ाते गए।

हमारे लिए उनके दिल में चाहत ना थी ,
किसी ख़ुशी में कोई दावत ना थी ,
हमने दिल उनके कदमों में रख दिया ,
पर उन्हें ज़मीन देखने की आदत ना थी।

कुछ कदम हम चले ,
कुछ कदम तुम चले ,
फर्क सिर्फ इतना रहा ,
हम चले तो फाँसलेकाम होते गए ,
और तुम चले तो फाँसले बढ़ते गए।

काश वो समझते इस दिल की तड़प को ,
तो हमें यूँ रुसवा ना किया जाता ,
बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें ,
एक बार बस हमें समझ लिया होता।

सपना कभी साकार नहीं होता ,
मोहब्बत का कोई आकार नहीं होता ,
सब कुछ हो जाता है दुनिया में ,
मगर दुबारा किसी से सच्चा प्यार नहीं होता।

वो मुझसे बिछड़ कर अब तक नहीं रोया ,
कोई तो हमदर्द है उसका ,
जिसने मेरी याद तक ना आने दी।

कशिश तो बहुत है मेरे प्यार में ,
लेकिन कोई है पत्थर दिल जो पिघलता नहीं ,
अगर मिले खुदा तो मांग लूंगी उसको ,
पर सुना है खुदा मरने से पहले मिलता नहीं।

उसके इंतज़ार के मारे हैं हम ,
बस उसकी यादों के सहारे हैं हम ,
दुनिया जीत कर क्या करना है अब ,
जिसे दुनिया से जीता था ,
आज उसी से हारे हैं हम।

मंज़िल है, तो रास्ता क्या है ,
हौंसला है तो , फांसला क्या है ,
वो सजा देकर दूर जा बैठे ,
किस्से पूछूँ मेरी खता क्या है ?

किसी की याद दिल में आज भी है ,
भूल गए वो , मगर प्यार आज भी है ,
हम खुश रहने का दावा तो करते है मगर ,
उनकी याद में बहते आँसू आज भी है।

तन्हाईओं का सफर हर हद पार करता चला गया ,
हम करते रहे गुनाह उन्हें पाने की ख्वाइशों का ,
वो बन बेखबर किसी ओर की बाँहों में सिमटा चला गया।

ख्वाइश तेरी हमेशा रहेगी ,
चाहत तेरी हमेशा रहेगी ,
चाह कर भी कभी भूल ना पाऊँगा तुझे ,
तुझे याद करने की फिदरत मेरी हमेशा रहेगी।

ज़िन्दगी है नादान इसलिए चुप हूँ ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम इसलिए चुप हूँ ,
कह दूँ ज़माने से दास्तान अपनी ,
उसमें आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ।

करुँ तो कैसे करूँ खुद को काबिल तेरे लिए ,
अगर बदलूँ आदतें तो तेरी शर्ते बदल जाती हैं,
दूर करना हो खुदसे तो कोई तुझसे सीखे ,
बेचैनी में तेरी , पूरी पूरी रात ढल जाती है ,
सब टूट के बिखर जाता है आशिक़ों का इस दौर में ,
यहां २-३ हफ्तों में तो माशूका तक बदल जाती है।

वक़्त वक़्त का पता नहीं ,
आज यहाँ हैं , कल का पता नहीं ,
यूहीं चलते रहना है हम सभी को ज़िन्दगी में ,
क्यूंकि वक़्त है जो कभी रुकता नहीं।

ना मिलता गम तो बर्बादी के अफ़साने कहाँ जाते ,
दुनिया अगर होती चमन तो वीराने कहाँ जाते ,
चलो अच्छा हुआ अपनों में कोई गैर तो निकला ,
सभी अगर अपने होते तो बेगाने कहाँ जाते।

मेरा वजूद तेरे वजूद से जुड़ा था ,
तू मेरे ख्वाब का एक एहम पहलू था ,
तुझसे जुड़े मेरी ज़िन्दगी के सपने थे ,
तुम ही मेरे अपनों से ज्यादा अपने थे ,
साथ छोड़ के जाना ही अगर था तुम्हे तो ,
क्यों संजोये सपने मेरे साथ जो अपने थे।

दिल लगाना छोड़ दिया हमने ,
आँसू बहाना छोड़ दिया हमने ,
बहुत खा चुके धोखा प्यार में ,
मुस्कुराना इसलिए छोड़ दिया हमने।

महफ़िल में हँसना हमारा मिजाज बन गया
तन्हाई में रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर न होने दिया
बस यही जिंदगी जीने का अंदाज बन गया।

नाराज़ क्यों होते हो ?
चले जायेंगे तुम्हारी महफ़िल से ,
लेकिन पहले मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो।

वो कहने लगी नकाब में भी पहचान लेते होहजारों के बीचमेंने मुस्करा के कहा तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था इश्कहज़ारों के बीच…

छीन ली हमारी मोहब्बत...

खामोश फ़िज़ा थी कोई साया न था, 
इस शहर में मुझसा कोई आया न था, 
किसी ज़ुल्म ने छीन ली हम से हमारी मोहब्बत, 
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था।

हर दर्द का हिसाब...

अगर मैं लिखूं तो पूरी किताब लिख दूँ, 
तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लिख दूँ, 
डरती हूँ कहीं तू बदनाम ना हो जाए, 

वरना तेरे हर दर्द की कहानी मेरा हर ख्वाब लिख दूँ। 

दर्दे दिल की चुभन...

काश उनको पता होता मेरे दर्दे दिल की चुभन, 
तो वो हमको बार-बार न सताया करते, 
जिस बात से हम उनसे रोज खफा होते हैं 
तो वो बात हमसे न बताया करते, 
ये बात भी ऐसी है जोकि कोई बात नहीं, 
किसी गैर का नाम लेकर हमको न तड़पाया करतेl

जख्म की फ़िक्र...

टूटे हुए सपने को सजाना आता है, 
रूठे हुए दिल को मनाना आता है, 
उसे कह दो हमारे जख्म की फ़िक्र न करे, 
हमें दर्द में भी मुस्कुराना आता है।

वो हमारे दर्द की...

जो एक ज़रा सी बात पर रूठ गए हमसे, 
वो हमारे दर्द की दास्तान क्या सुनते।