- Best Love Shayari
दिल के पास आपका घर बना लिया ,
ख्वाबों में आपको बसा लिया ,
मत पूछो कितना चाहते हैं आपको ,
आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।
तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है ,
हर पल मुझे तेरा एहसास रहता है ,
तुझ बिन धड़कन रुक सी जाती है ,
क्यूंकि तू मेरे दिल में धड़कन बन कर रहता है।
मेरी दीवानगी की कोई हद्द नहीं ,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं ,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का ,
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।
मेरे आँखों के ख्वाब, दिल के अरमान हो तुम,
तुम से ही तो मैं हूँ , मेरी पहचान हो तुम,
मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम
तेरी खुशियों पर मुस्कराने को जी चाहता है ,
हो तुझे दर्द तो उदास होने को जी चाहता है ,
तेरी मुस्कराहट ही इतनी प्यारी है कि ,
तुझे बार बार हसाने को जी चाहता है।
मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है,
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है ,
तीर – तलवार की क्या ज़रूरत है तुझे
ऐ हसीन ,
क़तल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है।
आप खुद भी नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो
जान तो हमारी हो पर जान से
प्यारी हो ,
दूरियां होने से कोई फरक नहीं पड़ता ,
आप कल भी हमारी थी और आज भी हमारी हो।
परवाह उसकी कर जो तेरी परवाह करे ,
ज़िन्दगी में जो कभी तनहा ना करे ,
जान बन कर उतर जा उसकी रूह में ,
जो जान से भी ज्यादा तुझसे प्यार और वफ़ा करे।
हमदम तो साथ चलते हैं , रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं
,
तेरा चेहरा है जब से आँखों में , मेरी आँखों से लोग जलते हैं।
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहे,और एक कहानी बन जाये
एक रोज़
पड़ेंगे लोग इन्हे , और मिसालें हमारी बन जाये
बहुत
दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है ,
मगर नजरो से सलामी देने का
तेरा अंदाज़ नही बदला
तेरी
अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
तेरी अदाओं का जादू इस शेर
में लिखता हूँ…
मदहोश हूँ अभी… थोड़ी देर में लिखता हूँ
तुमसे
मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान
में हूँ मैं…
देखो भूल गया सब पते-ठिकाने… आसमान में हूँ मैं…
मेरी
आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है …
लाखों दिल भी मिल कर उतना
प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है..
शौंक
नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का …
मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे
बात करने का
सारी
उम्र आँखों में एक सपना याद रहा ,सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा
याद रहा ,
जाने क्या बात थी उसमें और
मुझ में ,सारी महफ़िल भूल गए बस वही
एक चेहरा याद रहा
साथ
ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा
नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना
टूट गया,
टूटी नींद है , सपने टूटा नहीं करते
जब
भी जख्म तेरे यादों के भरने लगते है,
किसी बहाने हम तुम्हे याद
करने लगते है
हर
अजनबी चेहरा पहचाना दिखाई देता है
जब भी हम तेरी गली से
गुजरने लगते है
जिस
रात को चाँद से तेरी बातें की हमने
सुबह की आँख मे आँसू उभरने
लगते है
जिसने
भर दिया दामन को बेरंग फूलों से
उनके एक दर्द पर हम क्यों
तड़पने लगते है
दिल
के दरवाजे पर कोई दस्तक नही होती
तेरा जिक्र’ होते ही दरो दीवार महकने
लगते है
मिटा
दे हर ख्याल जेहन की किताब से लेकिन
इबारत पे उनका नाम देखकर
सिसकने लगते है
जो
तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूब
मौत के फ़रिश्ते को भी
इनकार न कर दूं तो कहना
इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत
की तासीर में
दूर हो के भी तुझ पे असर न
कर दूं तो कहना !
मेरी
नजरों की तरफ देख जमानें पे न जा ,
इक नजर फेर ले, जीने की इजाजत दे दे,
रुठ ने वाले वो पहली सी
मोहब्बत दे दे ,
इश्क मासुम है, इल्जाम लगाने पे न जा….
ये
आँखें हैं जो तुम्हारी , किसी ग़ज़ल की तरह खूबसूरत
हैं…. कोई पढ़ ले इन्हें अगर इक
दफ़ा तो शायर हो जाए…!!
अकेले
हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं
अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं।
प्यार
कहो तो दो ढाई लफज़, मानो तो बन्दगी ,
सोचो तो गहरा सागर,डूबो तो ज़िन्दगी ,
करो तो आसान ,निभाओ तो मुश्किल ,
बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो ” तुम “
कुछ
रिश्तों को कभी भी… नाम ना देना तुम…
इन्हें चलने दो ऐसे ही… इल्ज़ाम ना देना तुम ॥
ऐसे ही रहने दो तुम… तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में…
के अल्फ़ाज़ों को मेरे… अंज़ाम ना देना तुम ॥
मुझसे
नफरत करके भी खुश ना रह पाओगे,
मुझसे दूर जाकर भी पास ही
पाओगे ,
प्यार में दिमाग पर नहीं
दिल पर ऐतबार करके देखिये ,
अपने आप को रोम – रोम में बसा पाएँगे।
दुनिया
की भीड़ में तुझे याद कर सकूँ कुछ पल ,
अजनबी राहों की तरफ कदम
मोड़ता हूँ।
नशा
था उनके प्यार का , जिसमें हम खो गए ,
उन्हें भी पता नहीं चला कि
कब हम उनके हो गए।
लिख
दूँ तो लफज़ तुम हो ,
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो ,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो ,
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी
तुम ही हो।
कितने
चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र
आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त
गुज़र जाता है।
हर
शख्स को दिवाना बना देता है इश्क
जन्नत की सैर करा देता है
इश्क
दिल के मरीज हो तो कर लो
महोब्बत
हर दिल को धड़कना सिखा देता
है इश्क !!!
एक
सुकून सा मिलता है….तुझे सोचने से भी….
फिर कैसे कह दूँ…मेरा इश्क़ बेवजह सा है….
बहुत
दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है ,
मगर नजरो से सलामी देने का
तेरा अंदाज़ नही बदला
- हार्ट टचिंग लाइन
दिल के पास आपका घर बना लिया ,
ख्वाबों में आपको बसा लिया ,
मत पूछो कितना चाहते हैं आपको ,
आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।
ख्वाबों में आपको बसा लिया ,
मत पूछो कितना चाहते हैं आपको ,
आपकी हर खता को अपना मुक्कद्दर बना लिया।
तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है ,
हर पल मुझे तेरा एहसास रहता है ,
तुझ बिन धड़कन रुक सी जाती है ,
क्यूंकि तू मेरे दिल में धड़कन बन कर रहता है।
हर पल मुझे तेरा एहसास रहता है ,
तुझ बिन धड़कन रुक सी जाती है ,
क्यूंकि तू मेरे दिल में धड़कन बन कर रहता है।
मेरी दीवानगी की कोई हद्द नहीं ,
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं ,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का ,
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।
तेरी सूरत के सिवा कुछ याद नहीं ,
मैं हूँ फूल तेरे गुलशन का ,
तेरे सिवा मुझपर किसी का हक्क नहीं।
मेरे आँखों के ख्वाब, दिल के अरमान हो तुम,
तुम से ही तो मैं हूँ , मेरी पहचान हो तुम,
मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम
तुम से ही तो मैं हूँ , मेरी पहचान हो तुम,
मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम
तेरी खुशियों पर मुस्कराने को जी चाहता है ,
हो तुझे दर्द तो उदास होने को जी चाहता है ,
तेरी मुस्कराहट ही इतनी प्यारी है कि ,
तुझे बार बार हसाने को जी चाहता है।
हो तुझे दर्द तो उदास होने को जी चाहता है ,
तेरी मुस्कराहट ही इतनी प्यारी है कि ,
तुझे बार बार हसाने को जी चाहता है।
मेरे जीने के लिए तेरा अरमान ही काफी है,
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है ,
तीर – तलवार की क्या ज़रूरत है तुझे ऐ हसीन ,
क़तल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है।
दिल की कलम से लिखी ये दास्तान ही काफी है ,
तीर – तलवार की क्या ज़रूरत है तुझे ऐ हसीन ,
क़तल करने के लिए तेरी मुस्कान ही काफी है।
आप खुद भी नहीं जानती आप कितनी प्यारी हो
जान तो हमारी हो पर जान से प्यारी हो ,
दूरियां होने से कोई फरक नहीं पड़ता ,
आप कल भी हमारी थी और आज भी हमारी हो।
जान तो हमारी हो पर जान से प्यारी हो ,
दूरियां होने से कोई फरक नहीं पड़ता ,
आप कल भी हमारी थी और आज भी हमारी हो।
परवाह उसकी कर जो तेरी परवाह करे ,
ज़िन्दगी में जो कभी तनहा ना करे ,
जान बन कर उतर जा उसकी रूह में ,
जो जान से भी ज्यादा तुझसे प्यार और वफ़ा करे।
ज़िन्दगी में जो कभी तनहा ना करे ,
जान बन कर उतर जा उसकी रूह में ,
जो जान से भी ज्यादा तुझसे प्यार और वफ़ा करे।
हमदम तो साथ चलते हैं , रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं
,
तेरा चेहरा है जब से आँखों में , मेरी आँखों से लोग जलते हैं।
तेरा चेहरा है जब से आँखों में , मेरी आँखों से लोग जलते हैं।
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहे,और एक कहानी बन जाये
एक रोज़ पड़ेंगे लोग इन्हे , और मिसालें हमारी बन जाये
एक रोज़ पड़ेंगे लोग इन्हे , और मिसालें हमारी बन जाये
बहुत
दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है ,
मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला
मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला
तेरी
अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
मदहोश हूँ अभी… थोड़ी देर में लिखता हूँ
तेरी अदाओं का जादू इस शेर में लिखता हूँ…
मदहोश हूँ अभी… थोड़ी देर में लिखता हूँ
तुमसे
मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
देखो भूल गया सब पते-ठिकाने… आसमान में हूँ मैं…
तुमसे मिलकर जाने किस गुमान में हूँ मैं…
देखो भूल गया सब पते-ठिकाने… आसमान में हूँ मैं…
मेरी
आँखों से आसूँ भले ही ना निकले हो पर ये दिल आज भी तेरे लिए रोता है …
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है..
लाखों दिल भी मिल कर उतना प्यार नहीं कर सकते जितना ये अकेला दिल तुमसे करता है..
शौंक
नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का …
मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का
मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का
सारी
उम्र आँखों में एक सपना याद रहा ,सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा
याद रहा ,
जाने क्या बात थी उसमें और
मुझ में ,सारी महफ़िल भूल गए बस वही
एक चेहरा याद रहा
साथ
ना रहने से रिश्ते टूटा नहीं करते ,
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है , सपने टूटा नहीं करते
वक़्त की धुंध से लम्हे टूटा नहीं करते ,
लोग कहते हैं कि मेरा सपना टूट गया,
टूटी नींद है , सपने टूटा नहीं करते
जब
भी जख्म तेरे यादों के भरने लगते है,
किसी बहाने हम तुम्हे याद करने लगते है
किसी बहाने हम तुम्हे याद करने लगते है
हर
अजनबी चेहरा पहचाना दिखाई देता है
जब भी हम तेरी गली से गुजरने लगते है
जब भी हम तेरी गली से गुजरने लगते है
जिस
रात को चाँद से तेरी बातें की हमने
सुबह की आँख मे आँसू उभरने लगते है
सुबह की आँख मे आँसू उभरने लगते है
जिसने
भर दिया दामन को बेरंग फूलों से
उनके एक दर्द पर हम क्यों तड़पने लगते है
उनके एक दर्द पर हम क्यों तड़पने लगते है
दिल
के दरवाजे पर कोई दस्तक नही होती
तेरा जिक्र’ होते ही दरो दीवार महकने लगते है
तेरा जिक्र’ होते ही दरो दीवार महकने लगते है
मिटा
दे हर ख्याल जेहन की किताब से लेकिन
इबारत पे उनका नाम देखकर सिसकने लगते है
इबारत पे उनका नाम देखकर सिसकने लगते है
जो
तू साथ न छोड़े ता-उम्र मेरा ए मेहबूब
मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहना
इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर में
दूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना !
मौत के फ़रिश्ते को भी इनकार न कर दूं तो कहना
इतनी कशिश है मेरी मुहब्बत की तासीर में
दूर हो के भी तुझ पे असर न कर दूं तो कहना !
मेरी
नजरों की तरफ देख जमानें पे न जा ,
इक नजर फेर ले, जीने की इजाजत दे दे,
रुठ ने वाले वो पहली सी मोहब्बत दे दे ,
इश्क मासुम है, इल्जाम लगाने पे न जा….
इक नजर फेर ले, जीने की इजाजत दे दे,
रुठ ने वाले वो पहली सी मोहब्बत दे दे ,
इश्क मासुम है, इल्जाम लगाने पे न जा….
ये
आँखें हैं जो तुम्हारी , किसी ग़ज़ल की तरह खूबसूरत
हैं…. कोई पढ़ ले इन्हें अगर इक
दफ़ा तो शायर हो जाए…!!
अकेले
हम बूँद हैं, मिल जाएं तो सागर हैं
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं
अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं।
अकेले हम धागा हैं, मिल जाएं तो चादर हैं
अकेले हम कागज हैं, मिल जाए तो किताब हैं।
प्यार
कहो तो दो ढाई लफज़, मानो तो बन्दगी ,
सोचो तो गहरा सागर,डूबो तो ज़िन्दगी ,
करो तो आसान ,निभाओ तो मुश्किल ,
बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो ” तुम “
सोचो तो गहरा सागर,डूबो तो ज़िन्दगी ,
करो तो आसान ,निभाओ तो मुश्किल ,
बिखरे तो सारा जहाँ ,और सिमटे तो ” तुम “
कुछ
रिश्तों को कभी भी… नाम ना देना तुम…
इन्हें चलने दो ऐसे ही… इल्ज़ाम ना देना तुम ॥
ऐसे ही रहने दो तुम… तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में…
के अल्फ़ाज़ों को मेरे… अंज़ाम ना देना तुम ॥
इन्हें चलने दो ऐसे ही… इल्ज़ाम ना देना तुम ॥
ऐसे ही रहने दो तुम… तिश्नग़ी हर लफ़्ज़ में…
के अल्फ़ाज़ों को मेरे… अंज़ाम ना देना तुम ॥
मुझसे
नफरत करके भी खुश ना रह पाओगे,
मुझसे दूर जाकर भी पास ही पाओगे ,
प्यार में दिमाग पर नहीं दिल पर ऐतबार करके देखिये ,
अपने आप को रोम – रोम में बसा पाएँगे।
मुझसे दूर जाकर भी पास ही पाओगे ,
प्यार में दिमाग पर नहीं दिल पर ऐतबार करके देखिये ,
अपने आप को रोम – रोम में बसा पाएँगे।
दुनिया
की भीड़ में तुझे याद कर सकूँ कुछ पल ,
अजनबी राहों की तरफ कदम मोड़ता हूँ।
अजनबी राहों की तरफ कदम मोड़ता हूँ।
नशा
था उनके प्यार का , जिसमें हम खो गए ,
उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए।
उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए।
लिख
दूँ तो लफज़ तुम हो ,
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो ,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो ,
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो।
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो ,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो ,
और चाह लूँ तो मोहब्बत भी तुम ही हो।
कितने
चेहरे हैं इस दुनिया में,
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।
मगर हमको एक चेहरा ही नज़र आता है,
दुनिया को हम क्यों देखें,
उसकी याद में सारा वक़्त गुज़र जाता है।
हर
शख्स को दिवाना बना देता है इश्क
जन्नत की सैर करा देता है इश्क
दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत
हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क !!!
जन्नत की सैर करा देता है इश्क
दिल के मरीज हो तो कर लो महोब्बत
हर दिल को धड़कना सिखा देता है इश्क !!!
एक
सुकून सा मिलता है….तुझे सोचने से भी….
फिर कैसे कह दूँ…मेरा इश्क़ बेवजह सा है….
फिर कैसे कह दूँ…मेरा इश्क़ बेवजह सा है….
बहुत
दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है ,
मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला
मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला
- हार्ट टचिंग लाइन
दिल टूटेगा तो फरियाद करोगे तुम भी,
हम न रहे तो हमने याद करोगे तुम भी,
आज कहते हो हमारे पास वक़्त नहीं हैं,
पर एक दिन मेरे लिए वक़्त बर्बाद करोगे तुम भी।
क्यूँ नहीं महसूस होती...
क्यूँ नहीं महसूस होती उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे बहुत अच्छे से जानते हैं तुझे।
जीत किसके लिए...
जीत किसके लिए हार किसके लिए,
ज़िंदगी भर ये तकरार किसके लिए,
जो भी आया है वो जायेगा एक दिन,
फिर ये इतना अहंकार किसके लिए।
किस्मत की लकीरों में...
किस्मत की लकीरों में नहीं था नाम उसका शायद,
जबकि उनसे मुलाकात तो हर रोज़ होती थी।
किसी ने हमे दिल से...
काश किसी ने हमे दिल से पहचाना होता।
कहाँ किसी के लिए...
कहाँ किसी के लिए है मुमकिन,
सब के लिए एक सा होना।
थोड़ा सा दिल मेरा बुरा है,
थोड़ा भला है सीने में।